सरकार के द्वारा पशुपालन की योजनाओं के बारे में जानकारी। Information about animal husbandry schemes by the government.

सरकार द्वारा पशुपालन योजनाएँ
प्रमुख पशुपालन योजनाएँ (भारत सरकार)
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम 
राष्ट्रीय गोकुल मिशन 
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 
दुग्ध प्रसंस्करण और संरचना निधि 
राष्ट्रीय पशुधन मिशन 
पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास योजना 

पशुपालन से जुड़ी भारत में कई सरकारी योजनाएँ हैं, जिनका उद्देश्य पशु-पालकों की आमदनी बढ़ाना, पशु स्वास्थ्य सुधारना और डेयरी-पशुधन का संरक्षण और आगे बढ़ाना।

सरकार के द्वारा प्रमुख योजनाएं

1. नेशनल लिवस्टोक मिशन

इस योजना का फोकस पशु-पालन में उद्यमिता को बढ़ावा देना, पोल्ट्री, भेड़-बकरी, सूअर पालन के विकास आदि में सुधार करना है। 
राज्य पशुपालन विभागों के माध्यम से इसे लागू किया जाता है। 

2. पशुपालन अवसंरचना विकास कोष 

यह एक बड़ा कोष है जिसका उद्देश्य डेयरी प्रसंस्करण, मांस प्रसंस्करण, पशु चारे संयंत्र, नस्ल-गुणन फार्म, पशु चिकित्सा वैक्सीन व दवा उत्पादन सुविधाएँ स्थापित करना है। 

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने 2025-26 तक इसे अगली तीन वर्षों के लिए लगभग ₹ 29,610.25 करोड़ के परिव्यय के साथ जारी रखने की मंजूरी दी है। 


3. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

भारत सरकार ने यह कार्यक्रम सितंबर 2019 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य देश में पशुओं में होने वाली दो मुख्य बीमारियों को पूरी तरह समाप्त करना है।

 
इस योजना के अंतर्गत मुख्यतः पशुओं में “खुरपका-मुंहपका रोग” और “ब्रुसेलोसिस ” जैसी प्रमुख बीमारियों को नियंत्रण में लाने का लक्ष्य है। 


4. राष्ट्रीय परियोजना – मवेशी एवं भैंस प्रजनन 

भारत सरकार ने पशुधन की नस्ल सुधार और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत अच्छी नस्लों ,कृत्रिम गर्भाधान , प्रजनन फार्म आदि को बढ़ावा दिया जाता है। 

इस योजना का लाभ -

क) उच्च उत्पादक मवेशी एवं भैंस नस्लों का विकास।
ख) दूध उत्पादन में वृद्धि।
ग) किसानों की आय में बढ़ोतरी।
घ) पशुधन पालन अधिक लाभकारी बनाना।


5. पोषण और चारा विकास

चारे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और चारा उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम हैं। यह पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी है।पशुपालन में पशुओं की उत्पादकता (दूध, मांस, ऊन, अंडा आदि) मुख्य रूप से उनके संतुलित पोषण और गुणवत्तापूर्ण चारे पर निर्भर करती है।



राज्य सरकारों की योजनाएँ

राज्य स्तर पर भी पशुपालन से जुड़ी योजनाएँ लागू होती हैं, जो केंद्र-योजनाओं की सम-पूरी करती हैं या अतिरिक्त सहायता प्रदान करती हैं:

उदाहरण स्वरूप, झारखंड में एकीकृत पोल्ट्री विकास योजना है, जिसमें पोल्ट्री फार्म स्थापित करना, मोक्का पोल्ट्री फार्म, हैचरी आदि शामिल हैं। 

विभिन्न राज्यों में पशु अस्पतालों का संवर्धन, पशु हेल्थ कैम्प्स आयोजित करना, पशुओं के बीमारियों की रोकथाम जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

इंदिरा गांधी आवास योजना 2025 – ग्रामीण गरीबों के लिए मुफ्त मकान योजना / Indira Awaas Yojana: गरीबों को पक्का घर देने की सरकारी योजना

चंडीगढ़ के बाल संरक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी Information about Chandigarh's child protection program